Live Swachh Sarvekshan 2024: स्वच्छ सर्वेक्षण में पहली बार इंदौर के साथ सूरत बना सबसे स्वच्छ शहर
- महानगर
Swachh Sarvekshan 2024: वर्ष 2017 से स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आ रहा है इंदौर। 125 पुरस्कार दिए जाते थे पिछले वर्ष तक। 80 पुरस्कार वितरित होंगे इस वर्ष।
इंदौर अब स्वच्छता के सातवें आसमान पर है। पहली बार सूरत को भी संयुक्त तौर पर सबसे स्वच्छ शहर बन गया। स्वच्छता हमारे संस्कार में है, इसलिए हम नंबर वन हैं। गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुरस्कार लिया।मध्य प्रदेश ने देश का सबसे स्वच्छ राज्य के दूसरे स्थान का पुरस्कार जीता। पिछले साल मप्र पहले स्थान पर रहा। मोहन यादव ने पुरस्कार ग्रहण किया। महाराष्ट्र ने पहला और छत्तीसगढ़ ने तीसरे स्थान पर रहा।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने इस अवसर कहा कि अर्बन में स्वच्छता सर्वेक्षण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए मैं पुरी को बधाई देती हूं। हर साल एक विषय दिया जाता है। इससे स्वच्छता को बल मिला है। कूड़ा-कचरे को कंचन में बदलना है। सभी स्वच्छता में आगे बढ़ रहा है। हमारे सफाईमित्रों ने इसमें सबसे बड़ा योगदान दिया है। स्वच्छता से संपन्नता की ओर बढ़ रहे हैं। इससे महिलाएं को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है। सभी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंति से एक दिन पहले एक दिन, एक तारीख, एक घंटा अभियान के जरिये स्वच्छता को सफल बनाया। सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी इसमें योगदान रहे हैं। मैं सभी सफाईकर्मियों को देश की ओर से धन्यवाद देती हूं।
उन्होंने कहा कि रिराइकल और रियूज की प्रणाली भी सफल हो रही है। वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में जीरो वेस्ट की ओर बढ़ रहे हैं। ग्रीन वेस्ट से बायोगैस बनाने का काम प्रगति पर है। कभी शहरी जमीन कूड़े के पहाड़ बने थे, लेकिन स्वच्छता अभियान के तहत अब ऐसे डंपिग ग्राउंड खत्म हो रहे हैं।
स्वच्छता केवल आदत नहीं है, यह एक आंदोलन- हरदीप सिंह पुरी
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने की मांग की थी और खुले में शौच जाने को खत्म करने का बिड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी को स्वच्छ भारत से बेहतर तोहफा कैसे होगा। यह मिशन एक आंदोलन बन गया। इसमें सभी ने श्रमदान किया। यह अब अभिन्न अंग बन गया है। सख्त प्रक्रिया है। 2016 में यह सर्वेक्षण शुरू हुआ जो अब सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया है। लगभग सभी शहरों और गांवों में बड़ी संख्या में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। 2014 में 14 से 15 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग होती थी, लेकिन अब 75 से 76 प्रतिशत तक कचरा प्रोसेस होता है। स्वच्छता केवल आदत नहीं है, यह एक आंदोलन। एक अगली पीढ़ी भी इस आंदोलन में भाग ले रही है।
ओडिशा के सैंड आर्ट कलाकार सुदर्शन पटनायक ने कार्यक्रम की शुरुआत भारत में स्वच्छता की शुरुआत को अपनी कला से दर्शाया। बालीवुड के ख्यात गायक कैलाश खेर ने स्वच्छता एंथेम की प्रस्तुति दी।
वर्ष 2017 से इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आ रहा है। जनभागीदारी, नवाचारों और आपसी समन्वय वाले जज्बे ने ही हमें देश के दूसरे शहरों से आगे बनाए रखा है। इंदौर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि दूसरे शहर जब किसी बात को करने का सोचते हैं, इंदौर उसे कर चुका होता है। आज जब देश के दूसरे शहर स्वच्छता का महत्व समझकर इसे अपनाने के बारे में विचार कर रहे हैं, हम स्वच्छता का सातवां आसमान छू चुके हैं। स्वच्छता को लेकर कहा जाता है कि यहां के लोगों की सिर्फ आदत नहीं, बल्कि त्योहार और संस्कार है।