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Kharmas 2024: खरमास गुरुवार से शुरू होगा, एक माह फिर नहीं बजेंगी शहनाई

  • आध्यात्म

 पंचाग के अनुसार इस वर्ष 24 मार्च को हाेलिका दहन और 25 मार्च दिन सोमवार को होली खेली जाएगी।

सूर्य का गोचर 14 मार्च गुरुवार को मीन राशि में होगा तब खरमास प्रारंभ हो जायेगा जो कि 13 अप्रैल तक रहेगा। हिन्दू धर्म में खरमास में किसी भी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। इस समय केवल भगवान का पूजन और दान पुण्य करना चाहिए। इस दौरान ब्राह्मण, गुरु, गाय आदि की सेवा करना पुण्य फल देता है।


 

जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका बल कमजोर हो जाता है। इस कारण से इस समय कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। साल में दो बार खरमास लगता है। एक बार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं।

खरमास में इन कार्यों पर लग जाती है रोक

 

खरमास लगने के बाद शादी-विवाह जैसा मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि विवाह के लिये गुरु बल की आवश्यकता होती है। इस समय नये घर या व्यवसाय शुरू नहीं करना चाहिए। खरमास के दौरान मुंडन, गृह प्रवेश और सगाई नहीं करनी चाहिए। खरमास में बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए। खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कारों का आयोजन नहीं करना चाहिए।

 पंचाग के अनुसार इस वर्ष 24 मार्च को हाेलिका दहन और 25 मार्च दिन सोमवार को होली खेली जाएगी।

सूर्य का गोचर 14 मार्च गुरुवार को मीन राशि में होगा तब खरमास प्रारंभ हो जायेगा जो कि 13 अप्रैल तक रहेगा। हिन्दू धर्म में खरमास में किसी भी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। इस समय केवल भगवान का पूजन और दान पुण्य करना चाहिए। इस दौरान ब्राह्मण, गुरु, गाय आदि की सेवा करना पुण्य फल देता है।

 

जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका बल कमजोर हो जाता है। इस कारण से इस समय कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। साल में दो बार खरमास लगता है। एक बार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं।

खरमास में इन कार्यों पर लग जाती है रोक

 

खरमास लगने के बाद शादी-विवाह जैसा मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि विवाह के लिये गुरु बल की आवश्यकता होती है। इस समय नये घर या व्यवसाय शुरू नहीं करना चाहिए। खरमास के दौरान मुंडन, गृह प्रवेश और सगाई नहीं करनी चाहिए। खरमास में बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए। खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कारों का आयोजन नहीं करना चाहिए।

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